who is baba ram rahim

संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा के जीवन की सचाई

बाबा राम रहीम जी भारत में ऐसे संत हुए हैं जिन्होंने अपना सारा जीवन देश व समाज के लिए लगा दिया ।

बाबा राम रहीम जी ने 23 वर्ष की आयु में अपना घर त्याग दिया और समाज सेवा में लग गए । उसके बाद उन्होंने कभी भी अपनी गृहस्ती की तरफ मुड़ कर नहीं देखा ।

बाबा राम रहीम जी ने समाज मे फैल रही बुराइयां जैसे कन्या भूण हत्या, नशा व वेश्यावृत्ति और भयानक से भयानक जो भी हमारे समाज में बुराइयां फैल रही है उनका खंडन किया और लोगों को उन सभी बुराइयों से बचाया ।

समाज के अंदर मरती जा रही इंसानियत को पुनः जीवित किया । उनके इस अभियान में करोड़ों लोग जुड़े जो उनके एक बार कहने से अपने अंदर की सभी बुराइयों को छोड़ने लगे और जो उन्होंने इंसानियत के कार्य करने का बीड़ा उठाया उसमे पूरी तरह से बाबा राम रहीम जी का सहयोग करने लगे । इस तरह से धीरे धीरे बाबा जी के साथ 6 करोड़ से भी ऊपर लोग जुड़ गए ।जिन्होंने अपने अंदर की बुराई तो छोड़ी ही और अपने आस पास के लोगो की बुराइयां भी छुड़ाई ।बाबा राम रहीम जी ने हर उम्र के लोगों का दर्द सुना व समझा और उसको बहुत ही आसान तरीके से दूर भी किया है ।

बाबा राम रहीम जी ने पूरी दुनिया के लिए इंसानियत के ऐसे कार्य किए जो कोई सोच भी नहीं सकता ।बाबा राम रहीम जी ने ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए अपने शिष्यों से लगभग 5 करोड़ से भी ऊपर पेड़ पौधे लगवाए और उनकी पूरी तरह से संभाल करी । उन्होंने अपने शिष्यों के अंदर ऐसी भावना उन पेड़ पौधों के लिए भरी की वो उन पेड़ों को अपने बच्चों की तरह पालते है।आज भी राम रहीम जी के शिष्य वर्ष में कम से कम 12 पेड़ हर व्यक्ति लगाता है और उनकी अपने बच्चों की तरह संभाल करते हैं ।

इंसानियत

बाबा राम रहीम जी ने मरती हुई इंसानियत को पुनः जीवित करने का प्रयास किया ।जहां पर भाई-भाई को बाल देने से डरता हैवहीं पर बाबा रहीम जी ने अपने शिष्यों के अंदर इंसानियत के कार्य करने का वो जज्बा भर दिया है जो कहने व सुनने से परे की बात है। बाबा राम रहीम जी ने अपने शिष्यों को खून दान करने की ऐसी प्रेरणा दी है । जिसकी वजह से हर शिष्य वर्ष में तीन से चार बार खून दान करता है । ओर उनको कहीं भी पता चल जाए या उनके पास कोई भी फोन कॉल आ जाए तो वो लोग वहां पर जल्दी से जल्दी पहुंचकर खून दान कर देते हैं । उनके शिष्य ये नहीं देखते कि जिसको हम खून दे रहे हैं वह किस जात , धर्म का है गरीब है या अमीर हैबस उनका एक ही मानना है ओर गुरु जी के वचन है कि खून के बगैर किसी का जीवन नही जाना चाहिए ।

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Blood-Donation-Camps-By-baba-ram-rahim-ji

विश्व कीर्तिमान

आज दुनिया उन्हें ट्रू ब्लड पंप के नाम से जानती है खून दान के क्षेत्र में बाबा राम रहीम जी की पावन प्रेरणा से उनके नाम तीन विश्व कीर्तिमान
इसका मतलब है कि बाबा राम रहीम जी व डेरा सच्चा सौदा पूरे विश्व में वह संस्था है जो आज तक सबसे ज्यादा खून दान करती है।जब जब उनके शिष्य एक साथ मिलकर खून दान कैंप लगाते हैं । वहां पर हमारी सेना के ब्लड बैंक । सरकारी ब्लड बैंक । प्राइवेट ब्लड बैंक । इस तरह से काफी संख्या में ब्लड बैंक वहां पर आते हैं । और अपने टारगेट से भी ज्यादा ब्लड वहां से लेकर के जाते हैं ।

Largest-Blood-Donation-Camp-7-Dec-2003

Largest-Blood-Donation-Camp-10-Oct-2004

Largest-Blood-Donation-Camp-8-Aug-2010

जज्बा

वहां पर आश्चर्यजनक बात यह होती है कि जो डोनर होते हैं बहुत लंबी- लंबी लाइनों में खून दान करने के लिए खड़े होते हैं और वह ये कह कर आपस मे झगड़ते हैं कि पहले मैं खून दान करूंगा व आप दो यूनिट मेरे अंदर से निकाल लो इस तरह की बाते करके एक दूसरे से आगे निकने का जज्बा लोगों के अंदर बाबा राम रहीम जी ने भरा है ।
यह कोई आम बात नहीं है । यह बहुत बड़ी बात है जहां पर परिवार में अगर यह पता चल जाए कि हमारे उस सदस्य को खून की जरूरत है तो उससे लोग बात तक नहीं करते है।वहीं पर बाबा राम रहीम जी ने अपने शिष्यों के अंदर ऐसी ऊर्जा , ऐसी विल पावर भरी है ।जो बिना डरे । बिना भूख – प्यास की परवाह किये खून देने की लाइनों में अपने बारी का इंतजार करते है । लाइने ऐसी लगी होती है जैसे कहीं फ्री का लंगर बट रहा हो ।
इस तरह का जज्बा हमने इतिहास में कहीं भी नही देखा है ।

इतिहास

आज तक जितने भी संत महात्मा इस दुनिया मे आये है । सभी ने इंसानियत पर चलने का उपदेश जरूर दिया है , लेकिन अपने शिष्यों को इंसानियत के इस तरह के कार्य नहीं कराए ।ये अपने आप में बहुत बड़ी सच्चाई है जो बाबा राम रहीम जी ने करके दिखाया है। हमने देखा है कि राम रहीम जी के ऐसे ऐसे शिष्य हैं जिन्होंने 60 बार 70 बार ओर 100 से भी ऊपर ब्लड खून दान किया है ।

यह इंसानियत का बेमिसाल कार्य है ।इस कार्य की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है , क्योंकि एक बूंद खून की कीमत वही जानता है। जिसका मरीज अस्पताल भर्ती है और डॉक्टरों ने उससे खून मांग लिया ।और खून देने वाला उसके पास कोई नही हो । अब उसके दिल से पूछो की एक बूंद खून की कीमत कितनी होती है ।

कह देना ,बातें बना देना बहुत आसान होता है । लेकिन उस दर्द को समझना और दर्द को समझ कर उसका सहयोग करना उसकी सहायता करना । यह बहुत बड़ी बात है।

इस दर्द को अगर किसी ने समझा है। तो वो है बाबा राम रहीम सिंह जी इंसान जिन्होंने इंसान के अंदर मर रही इंसानियत को जीवित किया और यह बीड़ा उठाया है।

“कि खून बिन जाने नहीं देंगे जिंदगी”

इंसानियत के बहुत ऐसे कार्य बाबा राम रहीम जी ने किये है ।जिन्हें हम अपने अगले एपिसोड में लेकर आएंगे । क्योंकि बाबा राम रहीम जी ने समाज व देश के लिए इतना कुछ किया है जिसको हम लिख बोल कर नही बता सकते है। यह उसी तरह की बातें हैं कि सारी वनस्पतियों की कलम बनाएं जितने भी समुद्र है उनकी स्याही बनाएं और हवा की रफ्तार से अगर बाबा राम रहीम जी के देश व समाज के ऊपर किए गए उपकार लिखने लगे तो स्याही खत्म हो जाएगी । कलम घिस जाएंगी पवन थक जाएगी फिर भी सन्त डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह इंसान के उपका नही लिखे जा सकते है ।

फिर भी हमारी कोशिश है कि हम ज्यादा से ज्यादा बाबा राम रहीम जी की सच्चाई से आपको अवगत कराए । ताकी दुनिया को पता चल सके की असलियत में बाबा राम रहीम जी की सच्चाई क्या है ।

धन्यवाद

अगला एपिसोड जल्दी आएगा जी।

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