दर-बेदर को मजबूरी कहना कायरता Part 3 admin May 12, 2020 ‘खुदा की खुदाई में हर शू अमल है जरूरी न होता तो हरगिज न होता।’ ‘ जब जागे तभी सवेरा’ क ‘ी कहावत को ध्यान… Continue Reading
दर-बेदर को मजबूरी कहना कायरता Part 2 admin May 11, 2020 हमारा अपने माता-पिता से सम्बन्ध कुछ वर्षों तक रहता है अथवा दूसरे अर्थों में संयोगवश हम निश्चित समय पर इक्ट्ठे रहते हैं। अपने पिता के… Continue Reading
दर-बेदर को मजबूरी कहना कायरता Part 1 admin May 10, 2020 तेरे कूचे को छोड़ने वाले, दर-दर की धूल लेते हैं, मजबूरी का नाम देकर, एक बहाना सा ढूंढ लेते हैं। इस लेख के पूर्व भागों… Continue Reading
दर-बेदर होना एक कलंक Part-2 admin May 6, 2020 सजदा भी करें, शिकवा भी करें, दीवानों का ये दस्तूर नहीं। सतगुरु तो सतगुरु है। बेअन्त रहमतों और क्षमा का भण्डार है, जो अपने शिष्य… Continue Reading