Importance of eating on chulha: stay healthy and stay away from diseases

चूल्हे पर खाने का महत्व: स्वस्थ रहें और बीमारियों से दूर रहें

खाने पीने की समस्या: पेट बाहर की तरफ बढ़ता हुआ मोटापा

आजकल हम जब इंसान को देखते हैं तो काफी संख्या में लोगों के पेट बाहर की तरफ निकले दिखाई देते हैं | हमने जो रिसर्च किया उसके अनुसार यह पाया इसका मुख्य कारण हमारा खाना या पीना ही है| हम खाने पीने के बारे में बहुत कम अपना दिमाग लगाते हैं | जो कि सबसे ज्यादा लगाना चाहिए |

चूल्हे पर बना खाना: पौष्टिक और जल्दी हजम होने वाला विकल्प

बात करें हम आपसे 20  से 25 वर्ष पहले की उस समय आदमी का पेट बहुत कम दिखाई देता था | उस समय पर लोग चूल्हे पर बनी हाथ की गरम – गरम रोटियां खाते थे| हमारा खाना चूल्हे  पर बनता था | गैस का प्रयोग बहुत ही कम मात्रा में किया जाता था | हमारी माता जी का कहना है कि चूल्हे पर बना हुआ खाना पूरी तरह से पक जाता है | लेकिन गैस पर बना हुआ खाना आधा कच्चा रह जाता है|  हमने भी यह बात स्वयं अजमा कर देखी है और आप भी जरूर इस बात को आजमा कर देखें |

गैस पर बना खाना: अधूरा और पेट को परेशान करने वाला

एक दिन आप चूल्हे पर बनी हाथ की रोटी खाकर देखे | चूल्हे पर बनी  रोटी आप 5 से 6 रोटियां बड़े आराम से खा जाएंगे और गैस वाली रोटी आप दो से तीन खाने के बाद भी परेशान रहेंगे | चूल्हे की रोटी खाने के बाद आपको किसी भी तरह की परेशानी नहीं आती है | वह रोटी बहुत जल्दी हजम हो जाती है | किसी भी तरह की गेस या अफ़ारा नहीं होता है | 

चूल्हे पर बनी दाल: पोषक और प्राकृतिक खाद्य पदार्थ

इसी तरह से चूल्हे  पर बनी दाल बहुत पोस्टिक  होती है क्योंकि उस समय पर हमारी माताजी खुले हुए बर्तनों में दाल बनाती थी और दाल बनाते समय उसके ऊपर कुछ सफेद झाग बनते थे  जिन्हें छलनी की सहायता से माताजी निकाल देती थी | वह दाल हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होती थी | 

कुकर में बनाई जाने वाली दाल: अद्यतित और कम पोषक

आज के समय में कुकर मे बनाई जाने वाली दाल हमें जल्दी से हजम नहीं होती है | व पहले जेसी पोस्टिक नहीं होती है | इसका स्वाद भी पहले जैसा नहीं होता है | 

यह तो हमने केवल रोटी का उदाहरण दिया है | ऐसे अनेकों उदाहरण है जिसकी वजह से हमारा खाना जल्दी से हजम नहीं होता है और इंसान को खाने की वजह से गैस, एसिडिटी व अनेकों बीमारियां लग जाती हैं| 

पूर्वजों का खाना: पौष्टिकता का संकट

हमारे पुरातन समय में जो खाना हमारे बुजुर्ग खाते थे | वह बहुत ही पौष्टिक होता था लेकिन आज वाला खाना बहुत ही कम पोस्टिक रह गया है | 

मोटापे का कारण: भोजन और स्वास्थ्य के संघर्ष का परिणाम

इसका सबसे बड़ा कारण इंसान स्वयं है जो पैसे कमाने की होड़ में दूसरो की  व अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है| यह हमारे समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है| ऐसे अनेकों कारण हैं जिनकी वजह से इंसान का मोटापा बढ़ता जा रहा है | मोटापे की वजह से इंसान के अंदर अनेकों बीमारियां घर बना लेती हैं |

हमारी सलाह है कि अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक भोजन करें , जितना हो सके चूल्हे पर खाना बनाकर खाएं|

यह बातें हम अपनी अजमाई हुई आपको बता रहे हैं |  

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