सच्चे संत फकीर की असली पहचान उनके कर्म और विचारों से होती है | आज संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा जैसे ही अपने आश्रम में आए उन्होंने भगवान से प्रार्थना करी कि
हे परम पिता परमात्मा
हमारे देश में , पूरे संसार में
जो बरसात के रूप में , बाड़ के रूप में क़हर टूट रहा है
कहीं गर्मी की वजह से क़हर टूट रहा है
मोसम में ज़बरदस्त बदलाव आ रहा है
तो हे मेरे मालिक, हे मेरे राम
जिससे भी कोई भी पाप गुनाह हुए है
धरती पर , प्रकृति को जो भी नुक़सान पहुँचा है
उन सबको माफ़ करते हुए अपने इस क़हर को रोक दे
बच्चो की रक्षा कर , तू रक्षक है , तू दया का सागर है , कृपा कर।
ये होती है पूर्ण संत असली पहचान | जो संत ,पीर, फकीर अपना हर पल, हर क्षण समाज और देश व पूरी दुनिया की सेवा के लिए लगाते हैं | इसी का प्रत्यक्ष उदाहरण संत जी के विचारों में उनके कर्मों में साफ साफ दिखाई देता है |
उनके कहने से उनके लाखों शिष्य हर प्राकृतिक आपदा व दीन दुखियों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं | आज भी बाढ़ पीड़ित इलाकों में संत जी के कहने से लाखों शिष्य हर पीड़ित व्यक्ति पशु हर संभव सहायता कर रहे हैं |
अब हम सभी बुद्धिजीवियों को सोचना चाहिए कि जो संत अपना हर पल समाज सेवा में लगा रही है | उनकी हमारे समाज को आज बहुत ज्यादा जरूरत है | जरूरत इसलिए है कि संत जी हर समय समाज व देश भलाई में के कार्यों में अपना पूरा समय लगाते हैं | जिससे हमारे देश, हमारे समाज का भला होता है |
पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान बनती है | संत जी का हर कार्य पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन जाता है |
इसलिए हमारे सभी बुद्धिजीवियों को इस पर विचार करके संत जी को हमेशा सामाजिक कार्यों में लगाए रखने की सख्त जरूरत है| जिसके लिए उनका समाज में रहना अति जरूरी है |