तवायफ कैसे बनी घर की रौनक :- एक सच्ची कहानी पार्ट – 1

तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं

किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं

मैं शालिनी आहूजा एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती हूँ । आज मैं आपको प्यार की एक ऐसी कहानी सुनाने जा रही हूँ । जिसे पढ़ कर के आप हैरान हो जाएंगे ।

मैं जिस कंपनी में काम करती थी । वहां पर आलोक नाम का लड़का जो मेरा सीनियर , जॉब करता था ।उनका स्वभाव बहुत ही अच्छा था , न ही वो सिगरेट पीते थे , नहीं वो गुटखा खाते थे । वो किसी भी तरह की गंदगी का सेवन नहीं करते थे । जो कि मुझे बहुत अच्छा लगा ।

एक दिन ऑफिस की पार्टी में कुछ लड़कियां उनके बारे में बात कर रही थी और कह रही थी,  कि पूरी कंपनी में ये ही एक कैसा बंदा है जो किसी भी तरह के कॉकटेल ड्रिंक, सिगरेट औऱ तो और  किसी लड़की को नजर उठा कर के भी नहीं देखता है । इस तरह की बातें वो सभी लड़कियां आलोक के बारे में कर रही थी । जब मैंने ये बातें सुनी तो मेरे दिल में आलोक के लिए इज्जत बढ़ गई ।

लेकिन वहीं पर यह कुछ लड़के आलोक के बारे में टोंट बाजी कर रहे थे और कह रहे थे कि जो इंसान शराब नहीं पीता वो भी कोई इंसान है । शराब पीना आजकल का फैशन बन गया है | स्मोकिंग नहीं करता , गर्लफ्रेंड ना हो वो क्या इंसान है । आलोक भी यह बातें सुन रहा था उसने अपनी नजर नीचे करके दूसरी जगह जाकर बैठ गया ।

मै उनकी बातें सुनकर के बहुत दुःखी हुई कि उन्होंने आलोक की बेइज्जती की और  उसकी अच्छाई के ऊपर यह सुनकर के मुझे बहुत दु:ख हुआ लेकिन मेरी आलोक से कोई बात नहीं होती थी । इसलिए मैं उन्हें कुछ कह नहीं पाई और मन ही मन उन पर गुस्सा  कर रही थी ।

पार्टी खत्म होने के बाद हम सभी लोग अपने अपने घर चले गए । मैं आज पूरी रात आलोक के बारे में सोचती रही और बेचैन होती रही । यह सोच – सोच कर कि दुनिया कैसी हो गई है ।एक अच्छा इंसान जिसके अंदर इतनी अच्छाइयां है । उसकी कोई कदर नहीं जानता बल्कि उसकी बेइज़्ज़ती की जा रही है । बहुत सारी बातें आलोक के लिए आती रही और मन ही मन मैं आलोक के बारे में सोच कर सो गई ।

 कुछ समय बीत जाने के बाद मेरे मन में आया कि मुझे आलोक से बात करनी चाहिए क्योंकि मैं अब उसको दिल से चाहने लगी थी उसकी अच्छाइयों को देख कर के बाकी सभी जितने भी वहां पर काम करते थे लड़के हर किसी के अंदर कुछ ना कुछ गंदी आदत जरूर थी । कोई शराब पीता था , कोई सिगरेट पीता था , कोई गुटके खाता था , कोई सुपारी खाता था , कोई लड़कियों को गलत तरह से देखता था , कोई झूठ बोलता था तमाम तरह की बुराइयां उनमें  थी केवल आलोक ही ऐसा था जिसके अंदर किसी भी तरह की कोई बुराई नहीं थी और लड़कियों को भी वह कभी भी नजर उठा कर के नहीं देखता था ।

एक दिन ऑफिस से हम घर जा रहे थे । उस दिन हमारी कैब में कोई नहीं था मैं और आलोक दोनों ऑफिस से कैंब में घर आ रहे थे, तो मैंने काफी कोशिश करने के बाद  आलोक से बात की और उसके बारे में जानना चाहा आलोक ने जनरल बातें अपने बारे में बतायीं कहाँ के रहने वाले हैं और उनके परिवार में कौन-कौन है फिर मैंने भी अपने बारे में बताया ।

आलोक बात करने से आकर्षित व बहुत ही मिठास भरा मुझे लगा । मुझे उनसे बात करके बहुत अच्छा लगा और जब मैं घर पहुंची तो मेरे दिलो-दिमाग में आलोक का फोटो छा गया । अब मेरे दिल में आलोक के लिए  प्यार जागृत हो गया । एक दिन मैं और आलोक दोनों ऑफिस की कैंटीन में बैठे हुए थे । तो मैंने आलोक को प्रपोज किया कि मैं आपसे प्यार करती हूँ शादी करना चाहती हूँ ।

आलोक ने यह बात सुनकर के मुझे कहा ठीक है लेकिन शादी का निर्णय तो मेरे पापा जी ही लेंगे क्योंकि मैंने उनसे वादा कर रखा है कि वे  जिस लड़की से शादी करने के लिए बोलेंगे मैं उसी से शादी करूंगा । मैंने बोला ठीक है कोई बात नहीं आप घर में सलाह करके मुझे बता देना ।

 मैं यहां आपको बताना चाहूंगी आलोक का  ₹960000 का ईयर की पैकेज था और जो मेरा पैकेज उसके मुताबिक काफी कम था ।  मैंने उसको उसके पैसे को देखकर प्रपोज नहीं किया बल्कि उसकी अच्छाई व बुद्धमानी और सभ्य इंसान समझ कर के उस को प्रपोज किया था ।

कुछ दिन के बाद आलोक ने बताया कि मेरे पापा ने अभी शादी के लिए मना किया है । जब वह बोलेंगे मैं तभी शादी करूंगा यह बात कहकर उसने मेरे प्रपोजल को टाल दिया और उसने उसी तरह का मेरे साथ व्यवहार रखा जैसे वो पहले रखते थे ।

मेरे प्रपोजल का उसके ऊपर कोई भी फर्क नहीं पड़ा ।कि वह मुझे उस नजरिए से देखें या मेरे बारे में कुछ और सोच रखे । नहीं ! ऐसा उसकी बातों में उसके व्यवहार में उसकी नजर में कुछ भी ऐसा मुझे नजर नहीं आया ।

कुछ समय बाद आलोक इंग्लैंड चला गया । तो उसका मुझसे और न ही मेरा उससे सम्पर्क हुआ । काफी समय बीत गया और मैं केवल उसकी अच्छाइयों को याद…

इतना पैसा कमाने वाला बंदा ,

इतना बड़ा ऑफिस का बॉस !

ऐसी लड़की से शादी की क्यों करेगा?

ये सोचती हुई पल्लवी का राज अपने दिल में ले कर के अपने घर वापस आ गई ।

अब मेरे दिल मे आलोक के लिए और भी सम्मान बढ़ गया था । और मेरे मन में आलोक के लिए सवाल भी था ?

फिर मैं आलोक से एक दिन अकेले में मिली और आलोक से सवाल पूछा कि आखिर आपने इस लड़की से शादी क्यों ?…..Conti

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