अक्सर ! लोग सोचते है !
नशा ! गम भुला देता है
परन्तु वे ये भूल जाते है कि नशा ही इंसान को भुला देगा ….
ये कहानी है लखनऊ उत्तर प्रेदश की अमायरा की है ।
एक सीधी-सादी, चुलबुली, मौज-मस्ती करने वाली लड़की अमायरा की.. अमायरा बहुत ही होशियार थी पढ़ाई में और हमेशा टॉप करती थी। उसको अपने स्कूल और टीचरो से बुहत लगाव था । उसके स्कूल में उसे हमेशा यही सिखाया जाता था Character के high रहो फिर वो एक दिन आया जब उसे अपना स्कूल छोड़ कर जाना था।
जाने से पहले उसके टीचर ने एक ही बात समझाई character के हमेशा हाई रहना , जैसा आप चाहते हो मालिक से दुआ करते है आपको उससे भी अच्छा घर मिले। दुनिया में जाकर लोगों को बदलना । पर कभी खुद मत बदल जाना। बस फिर क्या था!! इन सब बातों को बसा लिया था उसने अपने ज़हन में।
फिर एक दिन आया जब उसे पढ़ाई करने के लिए बाहर जाना था। टीचर से वो दूर थी, दुनिया में बड़ी मजबूर थी डर था उसे कैसे रह पाएगी वो? पर जाना तो उसे था ही। अब उसका admission एक अच्छे Co-Ed engineering college में हो गया था। होस्टल में उसका पहला दिन था।
उसकी मुलाकात उसकी रूममेट अमाध्या से हुई। रहीस खानदान की अमाध्या , शानो शौकत वाली, लड़कों के साथ घूमने वाली थी।पर फिर भी अमायरा के साथ उसकी खूब जमी । अमायरा अच्छे से जानती थी दुनिया में बिना मतलब के कोई किसी से प्यार नही करता। पर वो ये बात अमाध्या को भी समझाना चाहती थी अमाध्या के दोस्त बहुत थे । पर वो सब उसके पैसे से प्यार करते थे।
अमायरा को सब पता था कि दुनिया में सब झूठे होते हैं लेकिन वह यह बात अमाधया को समझाना चाहती थी कि सब उसके पैसे से प्यार करते हैं लेकिन अब अमाधया उसकी कोई बात मानने को तैयार नहीं थी पर फिर भी वह उसकी बहुत इज्जत करती थी। दिन रात अपने दोस्तों के साथ घूमना मौज मस्ती करना दिन चर्या में शामिल हो गया ।
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परन्तु एक दिन तो अमाधया ने हद ही कर दी और अपने दोस्तों के कहने पर शराब पी ली फिर क्या था, ना किसी का डर था ,रोज-रोज बाहर जाना शुरू हो गया ।ज्यों-2 शराब की लत उसे लगने लगी थी।पढ़ाई से एकदम दूर हो गई थी ,शराब की लत उसे इतनी लग गई थी, कि वह चोरी करके भी शराब पीने लगी थी ।इस वज़ह से उसके दोस्तों उससे दूर होने लगे और अब उससे कोई बात करना पसंद नहीं करता था ।लेकिन अमायरा को उसकी कहीं ना कहीं बहुत ज्यादा फिक्र होती थी ।अमायरा ने उसे खूब समझाया पर उसने उसकी एक नहीं सुनी बल्कि उसे ही खरी खोटी सुना दी। अमाधया एक लड़के से प्यार करती थी और उससे शादी करना चाहती थी पर उसे यह नहीं पता था कि वह लड़का सिर्फ उसके पैसे से प्यार करता है अमायरा से यह सब देखा नहीं जा रहा था।
वह अमाधया को बदलने के लिए हर संभव कोशिश करती थी ।अमायरा अपने जीवन की उसे बहुत चमत्कार भी सुनाती थी लेकिन अमाधया इसे इत्तेफाक बोलकर नजरअंदाज कर देती थी ।आखिर एक दिन अमाधया के सामने के सच्चाई आ गई और उसे पता चल गया कि रिजवान की सगाई किसी और लड़की से हो गई है । वह बिल्कुल टूट चुकी थी और खुद को अकेला समझने लगी थी,सब से दूर हो गई थी और उसने शराब को ही अपना दोस्त बना लिया था । किसी की बात न सुनना और ड्रग्स लेना भी शुरू कर दिया था “उसने सोचा कि नशा गम भुला देगा, पर उसे यह समझ नहीं आया कि नशा ही इंसान को खत्म कर देगा।
एक दिन जबरदस्ती करने पर अमायरा उसे अपने साथ एक मूवी दिखाने ले गई उस मूवी को देखकर अमाद्द्य के जैसे होश ही उड़ गए और उसकी समझ आने लगी । अमाधया की सच्चाई उसके कुछ दोस्तों ने उसके माता-पिता को बता दी ।जैसे ही उन्हें पता चला वो बिल्कुल टूट चुके थे और उन्होंने फोरन अमाध्या को घर आने के लिए कहा । घर को जाते वक्त कुछ लड़कों ने उसका किडनैप कर लिया । वह बहुत ही डर गई थी लेकिन जैसे कि वह फिल्म देख कर आ रही थी तो उसे फिल्म का एक डायलॉग याद आया, जब आप मुसीबत में अपने आप को घिरा हुआ पाओ, तो उस परमात्मा को याद करते हुए धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा का नारा लगाओ अमाधया ने जैसे ही जोर से बोला तो उसे ऐसा अनुभव हुआ कि कोई शक्ति उसके साथ है । वह पूरे जोश में आ गई और सब गुंडों की पिटाई कर डाली। फिर वह घर को निकल पड़ी जैसे ही वह घर पहुंची उसने सारा हाल अपने मां बाप को बयान किया। रात को सोते वक्त उसे अमायरा की सभी बातें याद आने लगी ,जो वह अक्सर उसे अपने साथ हुए चमत्कारों के बारे में बताया करती थी ।
एक दिन अचानक अमायरा उसके घर पर उसे मिलने आई उसने सारा हाल अमायरा को भी बयान किया ।अमायरा उसे अपने साथ सिरसा ले आई और अपने गुरु जी के “डेरा सच्चा सौदा” में ले गई ।जैसे ही उसने सत्संग सुना ,उसके रोंगटे खड़े हो गए और उसे वहीं शक्ति का अनुभव हुआ जिसने उसे बचाया था । अमाधया ने अब गुरुजी से गुरुमंत्र ले लिया । नशा छोड़ने के लिए वह डेरा सच्चा सौदा में 7 दिन रही और 7 दिन रहने के बाद उसने अपने आप में जमीन आसमान का फर्क महसूस किया ।
बदलाव देखकर अमाधया के माता-पिता बहुत प्रसन्न हुए ।अब अमाध्या बहुत बदल चुकी थी और उसे एहसास हो गया था कि अमायरा बिल्कुल सही कहती थी और उसने अपने गुरु की बात मान कर सिर्फ मुझे ही नहीं बदला बल्कि मुझे गुंडों की गिरफ्त से भी बचाया। इसी तरह अमायरा ने सच्ची दोस्ती का परिचय दिया और अपने गुरु की बात मान कर अपने गुरु और मां- बाप का नाम भी रोशन किया । इसीलिए तो कहते हैं “मन के कहे चलो मत कोई,गुरु कहे करो तुम सोई।
आज अमाधया उस लड़के के प्यार को छोड़ कर गुरु जी से बे हद प्यार करती है । ओर उनकी हर बात को फॉलो करती है ।
4 Comments
Shilpa
(March 9, 2019 - 10:27 pm)Very nice story..??
Vishal Bajaj
(March 9, 2019 - 10:51 pm)Very good story I Saluted to BaBa Ram Rahim ji from bottom of my heart, who created schools where children are taught the lessons of humanity.
Bobby Sachdeva
(March 10, 2019 - 11:11 am)Nice story
Dr.Lalit Mohan Johri
(March 11, 2019 - 6:47 pm)He is True & Real Saint of this Era.
If Satyug returns it will be back just by the grace of Dr MSG.