सभी साध-संगत से विनती है कि किसी के पीछे मत लगो सिमरण करो। एक बात में पूरे दावे के साथ कहता हूं मेरा सतगुरु पूर्ण है,कुल कायनात का स्वामी है,दोनों जहानों का मालिक है।
जो भी management काम कर रही है वो #MSG सतगुरु की बनाई हुई है,कोई इंसान की नही,ये बात अच्छी तरह समझ लेना,दूसरी बात management की हिम्मत नही है कि वो सतगुरु के हुक्म के बिना कोई कदम उठा लेगी।बाकी बात रही बहिन हनीप्रीत की वो हम सबकी शाही परिवार से आदरणीय बहन है।
जब सतगुरु ने सबके सामने उसे अपना रूहानियत का वारिश घोषित किया है।सतगुरु कोई इंसान तो है नही के उसे कुछ पता नही की उन्होंने बहिन को रूहानियत का वारिश ऐसे ही घोषित कर दिया,वो सब कुछ जानता है।एक बात में साफ कर देना चाहता हूं कि यहां रूहानियत के वारिश से मतलब गुरुगद्दी से नही है बल्कि रूहानियत के परिवार से है।
जब-2 मालिक किसी ना किसी रूप में जब इस धरती पर लीला करने आते है वो अपना रूहानियत का परिवार साथ लेकर आते है,जिनसे वो अपनी लीला करवाते है। हर युग में अगर मालिक ने कोई लीला करवाई है तो वो अकेले नही की है बल्कि कुछ पत्र उसमे शामिल होते है,वो पात्र ही रूहानियत के परिवार से होते है।सतगुरु ने अपनी जो फिल्में बनाई है उसमें कुछ बहिन-भाई सतगुरु के साथ रहते है वो ऐसे ही सतगुरु ने नही दिखाए है।हालांकि वो फ़िल्म में तो actor लिए है परन्तु हकीकत में कोई और होंगे।
कोई कहता है कि सतगुरु के बारे में दुनिया ने जो अपशब्द इस्तेमाल किये है उसका कारण बहिन हनीप्रीत है।ये आपकी बेवकूफी है। कोई कहता है कि पिताजी के अंदर जाने की वजह कोई 45 मेम्बर है,कोई कहता है Management है,कोई कहता है कोई जुम्मेवार है।ये आपकी मूर्खता है।एक तरफ तो वो दो जहानों का मालिक है और दूसरी तरफ कहते को की पिताजी को छड़यंत्र के तहत फसाया गया है।
ये सब मुर्शिद की बहुत बड़ी लीला है जो हमारी समझ से परे की बात है जो हमको आने वाले समय में शायद समझ में आ जाये।बाकी बहिन हनीप्रीत की रही आने वाले समय में बहिन का कितना बड़ा योगदान है,सतगुरु जी बहिन से क्या सेवा लेंगे यह तो समय बताएगा, पर सेवा सतगुरु जी बहुत बड़ी लेंगे।
बाकी साध-संगत जी निंदकों का काम निंदा करने होता है उनको छोड़ दो।जो भी live आते है उनको online देखना छोड़ दो वो अपने आप बंद हो जाएंगे।परम् पिता शाह सतनाम जी ने जब हजूर महाराज जी को गुरु गद्दी दी थी तब भी बहुत से निंदक निंदा करने से बाज नही आये पर उनकी एक ना चली,हुआ वही जो सतगुरु को मंजूर था,अब भी वही होगा जो उस ख्शम को मंजूर है,निंदकों को तो बहुत बुरी मार पड़ेगी,शायद ये झेल भी ना पाए।
कुछ गलत लिखा गया हो तो माफी चाहता हूँ, मैं कोई ज्ञान-वान नही हूँ और ना ही कोई सिमरण ज्यादा करने वाला,जो सतगुरु ने ख्याल दिया वो लिख दिया।
“धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा।
#DeraSachaSauda
#gouravsoniinsan