अमर सेवा
आज के समय में भाई-भाई को बाल नहीं दे सकता वही डेरा सच्चा सौदा के सेवादार संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी की पावन प्रेरणा व उनके मार्गदर्शन से हजारों लोग मरणोपरांत शरीर दान करते हैं यह है बेमिसाल इंसानियत के वह कार्य जो संत गुरु जी ने करोड़ जनता के अंदर कूट-कूट कर भरे हैं |
अक्सर हमने देखा है मरणो उपरांत अगर कोई बॉडी दान करने की बात करता है तो लोग नाराज हो जाते हैं और तरह-तरह की बातें बनाते हैं
वहीं पर संत जी की शिक्षा को करोड़ों लोगों ने अपना कर मेडिकल साइंस के सामने खड़ी चुनौती को स्वीकार करते हुए मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को रिसर्च हेतु बॉडी दान करते हैं ताकि हमारे आने वाले डॉक्टर अच्छे से रिसर्च कर सके अच्छे से ऑपरेशन करना सीख जाए
यही लक्ष्य रहा है संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा का कि मरने के बाद यह शरीर को जल ही जाना है या दफना देना है | संत जी ने कहा है कि यह अमर सेवा है जो लोग मर के भी अपना नाम इंसानियत के पन्नों पर दर्ज करवा जाते हैं |
धन्य है ऐसे परिवार जो संत जी की पावन शिक्षा पर चलते हुए ऐसे पुनीत कार्य करते हैं और धन्य धन्य है संत जी जिन्होंने समाज को बदलने का बीड़ा उठाया है समाज के अंदर बुराइयों को खत्म करके अच्छाइयां लेकर आए है
संत जी ने समाज से कृतियों को हटाकर अच्छे रीति रिवाज चलाए हैं यह है संत जी की वह शिक्षा जिसका इतिहास में कोई उदाहरण देखने में सुनने को नहीं मिलता
आप लोग सोचिए कि आज हमारे समाज को हमारे देश को संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा की कितनी जरूरत है जिन्होंने मरती हुई इंसानियत को जीवित करने की वह कार्य किए हैं जो इतिहास में कहीं भी देखने में पढ़ने को नहीं मिलते
इन कार्यों को देखते हुए सरकार को संत जी को जल्दी से जल्दी समाज में लेकर आना चाहिए जिससे हमारा समाज हमारा देश स्वच्छ बन सके और देश में प्यार की गंगा बहने शुरू हो जाए इसलिए संत जी का समाज में आना बहुत जरूरी है